पुतिन का दौराः एक-दूसरे के सैन्य अड्डे संसाधन का उपयोग कर सकेंगे भारत-रूस
बड़े समझौते की तैयारी
4-5 दिसंबर को भारत में रहेंगे रूसी राष्ट्रपति
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को भारत आ रहे हैं। वे नई दिल्ली में 23वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। उनकी इस दो दिनी यात्रा में एक अहम समझौता ‘रेसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन्स एग्रीमेंट’ होने जा रहा है। इसका मतलब है कि दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के सैन्य अड्डों, सुविधाओं, संसाधनों का उपयोग व आदान-प्रदान कर सकेंगी। इनके विमान, युद्ध पोत ईंधन भरने, सैन्य अड्डों पर डेरा डालने या अन्य लॉजिस्टिक सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकेंगे। इस पर आने वाला खर्च बराबर-बराबर उठाया जाएगा। रूस की संसद ने भी मंगलवार को इस समझौते को मंजूरी दे दी।
इस समझौते के बाद भारत ऐसा पहला देश बन जाएगा, जिसका अमेरिका व रूस के साथ सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर साझा करने का समझौता होगा। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने मंगलवार को भास्कर के सवाल पर इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि रूस के साथ यह समझौता अंतिम चरण में है। इससे अमेरिका-रूस के बीच किसी सैन्य टकराव की नौबत पैदा नहीं होगी।

