व्यवधान पर काबू पाना, एड्स प्रतिक्रिया में बदलाव लाना’’थीम पर कार्यशाला की गई आयोजित
जिला क्षय केन्द्र में ’’व्यवधान पर काबू पाना, एड्स प्रतिक्रिया में बदलाव लाना’’ कार्यशाला दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.के. अठया ने कहा कि वर्तमान समय में एआरटी (एन्टी रेट्रो वायरस थैरेपी) एचआईव्ही उपचार का सबसे प्रभावी और स्थाई तरीका माना जाता है। सही ईलाज और समय पर थैरेपी के साथ एचआईव्ही को एक लंबे समय तक नियंत्रित रखा जा सकता है। डॉ. अठया ने कहा कि स्वस्थ संतुलित आहार लेना, तम्बाकू और शराब से दूरी बनाना, रोजाना व्यायाम करना, नियमित स्वास्थ्य जांच कराना अत्यंत लाभकारी है। ये सभी आदतें उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है और जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करता है।
डॉ. गौरव जैन ने एचआईव्ही से बचाव एवं एचआईव्ही/एड्स रोकथाम हेतु जिले में की जा रही गतिविधियों की जानकारी दी गई। इस दौरान छात्र–छात्राओं द्वारा एचआईव्ही बचाव के संबंध में संदेश देते हुए पोस्टर भी आकर्षण का केन्द्र रहे। कार्यशाला में एकलव्य विश्वविद्यालय, पी.जी. कॉलेज, के.एन. कॉलेज एवं सीआईसीएम के छात्र–छात्रा शमिल रहे। इस दौरान परामर्शदाता दिनेश असाटी, आईसीटीसी परामर्शदाता चेतना नायक एवं तुमुल समग्र विहान परियोजना के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

