मुस्कान अभियान चौकी बांदकपुर पुलिस द्वारा चलाया गया जागरुकता कार्यक्रम
पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार संपूर्ण प्रदेश में संचालित मुस्कान अभियान के अंतर्गत, पुलिस अधीक्षक दमोह श्रीमान श्रुतकीर्ति सोमवंशी के मार्गदर्शन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दमोह श्री सुजीत भदौरिया के निर्देशन में, अनुविभागीय अधिकारी पथरिया सुश्री प्रिया सिंधी के नेतृत्व में चौकी बांदकपुर पुलिस द्वारा स्थानीय स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान थाना प्रभारी हिंडोरिया श्री धर्मेन्द्र उपाध्याय, चौकी प्रभारी बांदकपुर श्री राजेन्द्र मिश्रा ने अपने पुलिस स्टाफ एवं महिला सुरक्षा शाखा से.प्र. आर. मंजू टंडन, आर.क्रांति व सायवर सेल शाखा से प्र.आर. राकेश अठ्या के साथ शर्मा क्लासेस में व चौकी परिसर बांदकपुर में शिव शिक्षा सदन हाई स्कूल बम्होरी के नाबालिग छात्र-छात्राओं को एवं शिक्षकों को मुस्कान अभियान के अंतर्गत नाबालिग बालक बालिकाओं के साथ घटित अपराधों एवं उनसे बचाव के उपायों के संबंध में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में शर्मा क्लासेस के शिक्षक श्री प्रकाश नारायण शर्मा, सुमित सेन, आनंद दुबे, नीतेश दुबे, रामकुमार बर्मन एवं शिव शिक्षा सदन हाई स्कूल बम्होरी के संचालक श्री शिवम दुबे प्राचार्य श्री धर्मेन्द्र नामदेव एवं शिक्षक गोविंद शर्मा आदि स्टाफ उपस्थित रहे।
उपस्थित नाबालिग छात्र छात्राओं को म.प्र.पुलिस द्वारा वर्तमान में चलाये जा रहे मुस्कान अभियान के अंतर्गत घर से भाग जाने से होने वाली समस्याओं, सोशल साइट्स पर अनजान व्यक्तियों से बातचीत न करने एवं उनके प्रलोभन में आकर मिलने न जाने, पाक्सो एक्ट बालक एवं बालिकाओं के साथ घटित होने वाले अपराधों के संबंध में जागरुक किया एवं अपने फोटो वीडियो सोशल मीडिया पर किसी अनजान व्यक्ति के साथ शेयर नहीं करने हेतु जागरुक किया गया। समस्या आने पर बेहिचक अपने माता पिता शिक्षक शिक्षिकाओं एवं पुलिस में जाकर अपनी समस्या को अवगत करावें। साथ ही बाल विवाह, पाक्सो अधिनियम, सोशल मीडिया पर अनुचित सामग्री साझा करने के के दुष्परिणाम एवं संबंधित कानूनी प्रावधानों के बारे में, साईबर क्राइम तथा साईबर फ्राड के संबंध में जागरुक किया गया एवं साथ ही महिला हेल्पलाईन /चाइल्ड/साईबर/पुलिस हेल्पलाईन नंबर की जानकारी दी गई।
म.प्र.पुलिस द्वारा चलाये जा रहे मुस्कान अभियान समाज में नाबालिग बालक एवं बालिकाओं को सुरक्षा, संवेदनशीलता और आत्मविश्वास के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ।

