मप्र में 250 नकली दिव्यांग पा गए सरकारी नौकरी, असली 9 लाख इंतजार में, इनके लिए आरक्षित 37 हजार पदों में से 21 हजार खाली
अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस…
हाई कोर्ट व सामाजिक न्याय विभाग के निर्देश, पर भर्ती ही नहीं हो रही
मप्र में दिव्यांगों के लिए सरकारी विभागों में 6% आरक्षण तो है, लेकिन भर्ती ही नहीं हो रही। दूसरी ओर पिछले दो साल में ही करीब 250 लोगों ने फर्जी प्रमाण-पत्र से दिव्यांगों की नौकरी हासिल कर ली। ये सिर्फ वे लोग हैं, जो जांच में पकड़े गए। हकीकत में संख्या ज्यादा हो सकती है। स्पर्श पोर्टल पर करीब 9 लाख व्यांग पंजीकृत हैं। प्रदेश के 48 विभागों में करीब 37 हजार पद इनके लिए स्वीकृत हैं, लेकिन हाई कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद भी इनमें से 21 हजार (60%) पद रिक्त हैं।
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(एवं अन्य.. इनमें कुछ जेल में, कुछ जमानत पर हैं। शिक्षक, क्लर्क आदि भर्ती में ये फर्जीवाड़ा
60% पद खाली… पिछले साल 4287 पदों के विज्ञापन, भर्ती 2750 पर ही हुई

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फर्जी प्रमाण पत्र से इतने लोगों ने पाई नौकरी
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प्रदेश सरकार ने दिव्यांगों के लिए आरक्षित पदों पर सीधे साक्षात्कार के जरिए नियुक्ति देने के आदेश पर रोक लगा दी है। अब दिव्यांगों को भर्ती प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। यह भी स्पष्ट नहीं है कि पिछले साल जिन विभागों ने दिव्यांगों के खाली पदों को साक्षात्कार के जरिए भरने के लिए आवेदन बुलाए थे, उनकी नियुक्ति होगी या फिर उन्हें भर्ती परीक्षा देनी होगी।
कहां कितने पद रिक्त
स्कूल शिक्षा
5711
स्वास्थ्य
1120
उच्च शिक्षा
771
पंचायत विभाग
683
2024-2025 के बीच करीब 2750 पदों पर ही भर्ती की गई। जबकि पिछले साल 12 विभागों ने 4287 पदों पर भर्ती के विज्ञापन जारी किए थे।
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दिव मा इम ज
अब नया नियम… साक्षात्कार की बजाय परीक्षा
अब प्रमोशन में मिल सकता है आरक्षण
मप्र में दिव्यांगजनों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए आयुक्त निशक्तजन की तरफ से सामान्य प्रशासन विभाग को अनुशंसा भेजी जा चुकी है।
हम सीधे भर्ती नहीं कर सकते। ये विभागों को ही करना है। हम लगातार उन्हें पत्र भेज रहे हैं। नारायण सिंह कुशवाह, मंत्री सामाजिक न्याय, दिव्यांग कल्याण
